कभी कभी मैं भुल जाते है कि जव भगवान् काम पर वह बेतुका औ अपरंपरागत संसाधानो का उपयोग करता| वस पसद बाबुल के राजा नवुकदनेस्सर के दिनों में जब एक स्वर्ण प्रतिमा पूजा करने के लिए हर किसी के लिए बनवया गया था | तत्कालीन रातोंरात पूरी दुनियाँ को भगवान की शाद्रक ,मेशक,और अबेदनगो पता चला| सभी कि आज भगवान की जरूरत है समाज (मेरा समय के आधुनिक बाबुल)के कुछ शट्रक की मेशक की और अबेदनगो की है|आजकल “वास्ताविक समय” संचार के साथ पुरी दुनिँयाको एक ही बार मे,एक आखँ की झपकी में पता होगा| जव भगवान अपने ही पुत्र की इसरी आने में नियंत्रण और रस्ता देखानेवाला लेता है,हाँ हम सरल अभी तक प्रभावी उपरकर वह अपने कामको पूरा करने के लिए प्रयोग करेंगे इवारा आश्चर्य चकित हो जाएगी| वह तरीकों और लोगो कि अप्रत्याशित रूप से हम में से सवसे अधिक आश्चर्य होगा का प्रयोग करेंगे| वास्तवमे कुछ महान पुरूष….निर्माता भगवान उसका काम करते है करने के लिए चुन जाएगा पुरूषों और महिलाओं के बीच से आम भीड़ बस के रूप में वह अपने चेलो से सरल मछुवारो को चुना| सर्वशक्तिमान चुनते है और उन है जो बिनम्र है और जो उनकि आत्मा उन्हे गाइड जो समाज में सबसे सक्षम और प्रभावशाली माना जाता से अधिक नम्र पसंद करते चलो पदोन्नत करता होगा यह दर्शाता है कि भगवान जो खुद को इतना महत्वपूर्ण किया जा करने के लिए विश्व उज्याला प्रबुद्द पुरूषों पर निर्भर नहीं है| जल्द ही हो जाएगा एक जागृति कि आश्यर्य करेंगे कइ| किसी को भी जो तत्कालिकता समक्ष नहीं आ रहा है स्थायित किया जाएगा एक तरफ और स्वार्गदूतों सत्ता और अधिकार के साथ इस ग्रह पृथ्वी के चारों और फिर अंत आ जाएगा…बल्कि, शुरूवात|