आजकल लोगों को भगवान के रूढ़िवादी/Conservatives और उदारवादी/Progressivists में विभाजित हैं|रूढ़िवादी और उदारवादी दोनों विश्वास है कि वे सही रास्ते पर हैं|उदारवादी रूढ़िवादी कट्टरपंथ के लिए सड़क पर जा रहा का आरोप; रूढ़िवादी उदारवादी अपराध की कगार पर होने का आरोप लगाते हैं| सभी चर्चों फटे हैं अब तक असली अंदरूनी कलह मे विकसित की है कि इस Matrixian विपक्ष द्वारा अलग लेकिन यीशु के प्रशंसको के लिए वहाँ एक तीसरा रास्ता है| यह तरीका है”गरीब आत्मा मे”,के द्वारा यीशु,जो में रूढ़िवादी जानने से उदारवादी उनकी गैर-गुलामी काम करता है/संस्कार/traditions करने के लिए (कि मारता पत्र);”धन्य” घोषित किया है उदारवादी,बारी में,उनकी इच़छा के अनुसार जीने से रूढ़िवादी जानें”इस प्रकार Saith यहोवा” यानी परमात्मा प्रगट करने के लिए मुझे मेरी पोल स्टार(बाइबिल) और इसमें आग्याओं के माध्यम से होगा| क्या वास्तव मे रूढ़ीवादी और उदारवादी दोनों द्वारा की जरूरत है सही संतुलन ही अवतीर्ण यीशु और उदारवादी वास्तव मे यीशु ने उदाहरण गहरे विनम्रता के साथ अध्ययन के क्रम मे विकसित करने के अपने नैतिक और आध्यात्मिक कद,ईमानदारी से अपने पसंदीदा पहलू अनुपात,से बाहर उड़ा के बिना सभी मास्टर की शिक्षाओं assimilating पक्ष द्वारा साइड और हाथ मे हाथ,को जानने के लिए Slyly के और अधिक विवादास्पद उप्रिय मुद्दों भूल जरूरत| रूढ़िवादी और उदारवादी दोनों की और एक ही समय मे चरम reabsorbing बेहतर पक्षों को बढ़ाने में यीशु के प्रशंसको में,से प्रत्येक में पबित्र आत्मा के काम होते है कि दोनों (में एक,अलग तरह से दिखा) रूढ़िवादी और उदारवादी दोनों और अधिक छवि और पिता परमेश्वर और यीशु की समानता में पबित्र आत्मा की शक्ति के माध्यम से बेटा बनने की जरूरत है| केवल इस दिव्य संतुलन मुझे मैट्रिक्स के बाहर ला सकता है|सब कुछ अंदरूनकी कलह प्रेम और आशा से रहित है|